businesskhaskhabar.com

Business News

Home >> Business

मिडकैप, स्मॉलकैप ने सेंसेक्स, निफ्टी को पीछे छोडा

Source : business.khaskhabar.com | Apr 05, 2014 | businesskhaskhabar.com Market News Rss Feeds
 Midcap Smallcap the Sensex Nifty left behindमुंबई। देश के शेयर बाजारों में पिछले सप्ताह बंबई स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) के मिडकैप और स्मॉलकैप सूचकांकों ने प्रमुख सूचकांक सेंसेक्स और निफ्टी को पीछे छो़ड दिया। बीएसई का 30 शेयरों पर आधारित संवेदी सूचकांक सेंसेक्स पिछले सप्ताह 0.09 फीसदी या 19.53 अंकों की तेजी के साथ शुक्रवार को 22,359.50 पर बंद हुआ। नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) का 50 शेयरों पर आधारित संवेदी सूचकांक निफ्टी 0.02 फीसदी या 1.55 अंक की गिरावट के साथ 6,694.35 पर बंद हुआ। सेंसेक्स के 30 शेयरों में से पिछले सप्ताह 16 में तेजी रही।
हिंडाल्को इंडस्ट्रीज (5.60 फीसदी), टाटा स्टील (5.51 फीसदी), सिप्ला (4.43 फीसदी), सेसा स्टर्लाइट (3.85 फीसदी) और रिलायंस इंडस्ट्रीज (3.29 फीसदी) में सर्वाधिक तेजी रही। गिरावट वाले शेयरों में प्रमुख रहे भेल (7.70 फीसदी), गेल (4.80 फीसदी), आईटीसी (3.87 फीसदी), टाटा पावर (3.53 फीसदी) और एचडीएफसी बैंक (2.66 फीसदी)। मिडकैप और स्मॉलकैप सूचकांकों में सेंसेक्स और निफ्टी के मुकाबले भारी वृद्धि रही। मिडकैप 2.67 फीसदी या 187.33 अंकों की तेजी के साथ 7,197.62 पर बंद हुआ। स्मॉलकैप 3.80 फीसदी या 265.99 अंकों की तेजी के साथ 7,265.05 पर बंद हुआ। पिछले सप्ताह के प्रमुख घटनाक्रमों में सेंसेक्स और निफ्टी ने अपने जीवन काल का ऎतिहासिक ऊपरी स्तर छुआ और ऎतिहासिक ऊपरी स्तर पर बंद हुए।
 गुरूवार को सेंसेक्स ने 22,620.65 के ऎतिहासिक ऊपरी स्तर को छुआ और बुधवार को यह 22,551.49 के ऎतिहासिक ऊपरी स्तर पर बंद हुआ। निफ्टी ने गुरूवार को 6,776.75 के ऎतिहासिक ऊपरी स्तर को छुआ और बुधवार को 6,752.55 के ऎतिहासिक ऊपरी स्तर पर बंद हुआ। मंगलवार एक अप्रैल को जारी प्रथम द्विमाही मौद्रिक नीति समीक्षा घोषणा में भारतीय रिजर्व बैंक ने मुख्य नीतिगत दरों को जस का तस छो़ड दिया। रिजर्व बैंक ने बुधवार को बाजार बंद होने के बाद दो कंपनियों को नए बैंक लाइसेंस जारी करने को लेकर सैद्धांतिक मंजूरी दे दी। रिजर्व बैंक ने आईडीएफसी और बंधन फाइनेंशियल सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड के आवेदन को सैद्धांतिक मंजूरी दी। रिजर्व बैंक ने हालांकि सैद्धांतिक मंजूरी 18 महीने की अवधि के लिए दी है और उसके बाद लाइसेंस दिए जाने का फैसला किया जाएगा।