उभरते देशों के साथ सहयोग बढ़ाएगा आईईए
Source : business.khaskhabar.com | July 15, 2014 | 

वाशिंगटन| अंतर्राष्ट्रीय ऊर्जा एजेंसी (आईईए) ने ऐसे संगठनों और उभरते देशों के साथ सहयोग पर जोर दिया है, जो आईईए के सदस्य नहीं हैं, क्योंकि आज ऊर्जा की मांग की दृष्टि से ये काफी महत्वपूर्ण हो गए हैं। आईईए की कार्यकारी निदेशक मारिया वान डेर होएवेन ने सोमवार को अमेरिकी ऊर्जा सूचना प्रशासन (ईआईए) द्वारा आयोजित सालाना ऊर्जा सम्मेलन के उद्घाटन सत्र में कहा, "आईईए की स्थापना के बाद से दुनिया काफी बदल गई है। हमें अपनी क्षमता में भी उसके अनुरूप बदलाव करने होंगे।"
समाचार एजेंसी सिन्हुआ के मुताबिक उन्होंने कहा, "पहले वैश्विक मांग में आईईए सदस्यों का योगदान तीन चौथाई होता था। अब उनका योगदान घटकर आधे से भी कम रह गया है। इसलिए हमें चीन तथा भारत जैसे उभरते देशों के साथ सहभागिता बढ़ानी होगी।"
आईईए की स्थापना 1974 में हुई थी। इसका मकसद औद्योगिक देशों को 1970 के दशक के शुरुआती वर्षो जैसे तेल संकट में दोबारा फंसने से बचाना था। 2014 में एस्टोनिया इसका 29वां सदस्य बना है।