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झारखंड में मानसून की 50 फीसदी कम बारिश, 97 फीसदी हिस्सों में शुरू नहीं हुई धान की खेती

Source : business.khaskhabar.com | July 09, 2024 | businesskhaskhabar.com Commodity News Rss Feeds
 50% less monsoon rain in jharkhand paddy cultivation not started in 97% areas 652100रांची । झारखंड में मानसून की बेहद कम बारिश ने लाखों किसानों की चिंता बढ़ा दी है। सीजन के शुरुआती 15 दिनों में राज्य में औसत से 50 फीसदी कम वर्षा हुई है। खेत सूखे पड़े हैं और धान की खेती कायदे से शुरू नहीं हो पाई है।  

पिछले साल भी राज्य में कम बारिश की वजह से 24 जिलों के 158 प्रखंडों को सरकार ने सूखाग्रस्त घोषित किया था। कृषि विभाग के अनुसार, 10 जुलाई तक राज्य में औसतन 265 मिमी बारिश होनी चाहिए। 8 जुलाई तक मात्र 135 मिमी बारिश रिकॉर्ड हुई है। रांची, चतरा, पूर्वी सिंहभूम, पश्चिम सिंहभूम, रामगढ़, सरायकेला-खरसावां, लोहरदगा और पाकुड़ जिले में सबसे कम वर्षा हुई है।

खेतों के सूखे होने की वजह से अब तक निर्धारित लक्ष्य के विरुद्ध मात्र तीन फीसदी धान की बुआई हुई है। पूरे राज्य में 18 लाख हेक्टेयर में धान की खेती होती है, लेकिन इसकी तुलना में अब तक मात्र 58 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में धान लगाया जा सका है। राज्य में कृषि योग्य जमीन के कुल 71 फीसदी हिस्से में धान की खेती होती है और इसके लिए किसान मुख्य रूप से मानसून की वर्षा पर ही निर्भर करते हैं।

चतरा जिले के इटखोरी प्रखंड अंतर्गत पितिज निवासी किसान योगेंद्र यादव बताते हैं कि किसानों ने धान का बिचड़ा तो किसी तरह तैयार कर लिया है, लेकिन जब तक खेतों में पानी इकट्ठा नहीं होगा, फसल की रोपनी शुरू नहीं हो पाएगी।

राज्य के कृषि निदेशक डॉ कुमार ताराचंद का कहना है कि अब भी बारिश हो जाए तो फसल चक्र में विलंब नहीं होगा। मौसम विभाग ने जुलाई और अगस्त में अच्छी बारिश की संभावना जताई है। पिछले साल झारखंड में मानसून की कम बारिश की वजह से लगभग 15 लाख किसान प्रभावित हुए थे। 2023 में मानसून के दौरान राज्य के केवल चार जिलों में सामान्य बारिश दर्ज की गई और 19 जिलों में सामान्य से कम बारिश दर्ज की गई। कुल मिलाकर औसत से 38 फीसदी कम बारिश दर्ज की गई थी और खेती भी सामान्य से लगभग आधी हो पाई थी।

सरकार ने खरीफ फसल सीजन के दौरान धान की बुवाई के लिए 1.61 मिलियन हेक्टेयर का लक्ष्य रखा था, लेकिन केवल 282,000 हेक्टेयर में ही रोपाई हो पाई। झारखंड को अब 10 बार सूखाग्रस्त घोषित किया जा चुका है। पहले हर तीन या चार साल में सूखा पड़ता था, लेकिन अब हर साल कम बारिश की वजह से सूखे की स्थिति बन रही है। 2022 में भी राज्य के 22 जिलों के 260 ब्लॉकों में से 226 को सूखाग्रस्त घोषित किया गया।

--आईएएनएस

 

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